किसी उत्पाद अथवा सेवा को बेचने अथवा परिवर्तित करने के उद्देश्य से किया जाने वाला जनसंचार विज्ञापन कहलाता है। विज्ञापन विक्रय कला का एक नियंत्रित जनसंचार माध्यम है जिसके द्वारा उपभोक्ता को दृश्य एवं श्रव्य सूचना इस उद्देश्य से प्रदान की जाती है कि वह विज्ञापनकर्ता की इच्छा से विचार, सहमति, कार्य अथवा व्यवहार करने लगे।
उत्पादन बढ़ने के कारण ही आवश्यक हो गया है कि उत्पादित वस्तुओं को उपभोक्ता तक पहुंचाया ही नहीं जाए, बल्कि उसे उस वस्तु की जानकारी दी जाए। वस्तुतः मनुष्य को जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है वह उन्हें खरीद ही लेता है। इसके ठीक विपरीत उसे जिसकी जरूरत नहीं होती वह उसके बारे में सुनकर अपना समय खराब नहीं करना चाहता। इस अर्थ में विज्ञापन वस्तुओं को ऐसे लोगों तक पहुंचाने का कार्य करता है जो यह मान चुके होते हैं कि उन वस्तुओं की उन्हें कोई जरूरत नहीं है। आशय यह है कि उत्पादित वस्तुओं को लोक प्रिय बनाने तथा उसकी आवश्यकता महसूस कराने का कार्य विज्ञापन करता है।
विज्ञापन का मुख्य कार्य जनता को या ग्राहक को जागरूक करना होता है एवं उत्पाद के विषय में जानकारी प्रदान कराना होता है।कंपनियां नए-नए उत्पाद उत्पादित करती है और एक टीम विज्ञापन तैयार करती है जिसको बाद में जनसंचारित किया जाता है। वह चाहे किसी भी माध्यम से हो अखबार, टीवी, रेडियो इत्यादि।अहम कार्य होता है कि विज्ञापन जनसंचारित हो एवं जनता उस उत्पाद को खरीदने के लिए उत्साहित हो जाए जिससे कंपनी को फायदा मिल सके। आजकल तो विभिन्न प्रकाार के माध्यम इस्तेमाल होने लगे हैंं किसी भी उत्पाद को जनसंचार तक पहुंचानेे के लिए। सेलिब्रिटीज द्वारा टीवी पर विज्ञापन करना उस विज्ञापन का प्रचार करने का एक बेहद ही उपयोगी तरीका बन चुका है। यूट्यूब तो एक ऐसा माध्यम है जिस पर पॉपअप विज्ञापन आने लग गए हैं। किसी भी वीडियो से पहले पॉपअप विज्ञापन का आना आवश्यक बन चुका है। जब आप यूट्यूब इस्तेमाल करते होंगे तब आपनेेेे देखा ही होगा कि विभिन्न तरह के विज्ञापन आपकी स्क्रीन पर आ जाते हैं और आपको किसी भी उत्पाद को बड़े ही जोरों शोरों से आपसे रूबरू कराते हैं।
विज्ञापन में इतनी क्षमता होती है कि वह किसी भी उत्पाद एवं कंपनी को फायदा एवं नुकसान करा सके।आजकल विज्ञापनों का उपयोग गलत उत्पादों जैसे तंबाकू, शराब इत्यादि हानिकारक वस्तुओं को बढावा देने के लिए भी हो रहा है। सरकार को ऐसे विज्ञापनों को बंद कर देना चाहिए एवं इसके अनुकूल ठोस कदम उठाना चाहिए।
विज्ञापन हमारी पीढ़ी को बहुत अधिक प्रभावित करते हैं। यदि विज्ञापन ही गलत दिशा की ओर अग्रसर करें तो ऐसे विज्ञापनों का क्या फायदा?
अतः विज्ञापनों का प्रयोग सिर्फ अच्छे एवं लाभकारी उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी होना चाहिए।