अनिश्चित
अनिर्धारित
अनिर्णीत
Undecided
Determinate
In sequential sampling undetermined number of samples are tested.
नमूनों की अनिर्धारित अनुक्रमिक प्रतिचयन की जांच की जाती है ।
Is it then he, who laid the foundation of his building on piety to Allah and His Good Pleasure, better, or he who laid the foundation of his building on an undetermined brink of a precipice ready to crumble down, so that it crumbled to pieces with him into the Fire of Hell. And Allah guides not the people who are the Zalimun.
फिर क्या वह अच्छा है जिसने अपने भवन की आधारशिला अल्लाह के भय और उसकी ख़ुशी पर रखी है या वह, जिसने अपने भवन की आधारशिला किसी खाई के खोखले कगार पर रखी, जो गिरने को है । फिर वह उसे लेकर जहन्नम की आग में जा गिरा ? अल्लाह तो अत्याचारी लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता
This mental knowledge is always limited in extent: not only so, but in addition the mind even sets up other willed barriers, admitting by the mental device of opinion certain parts and sides of truth and excluding all the rest, because if it gave free admission and play to all ideas, if it suffered truth ' s infinities, it would lose itself in an unreconciled variety, an undetermined immensity and would be unable to act and proceed to practical consequences and an effective creation.
यह मानसिक ज्ञान अपने विस्तार में सदा ही सीमित होता हैः इतना ही नहीं, बल्कि इसके साथ ही मन अन्य स्वेच्छाकृत बाधाएं भी खड़ी कर लेता है, अपना मत बनाने की मानसिक युक्ति के द्वारा सत्य के कुछ अंगों और पक्षों को तो स्वीकार करता है और शेष सबको बहिष्कृत कर देता है, क्योंकि यदि उसने सभी विचारों को उन्मुक्त प्रवेश और क्रीड़ा की अनुमति दी, यदि वह सत्य की असीमताओं को सहन करने को सहमत हुआ, तो वह अपने - आपको समन्वयरहित विविधता तथा अनिर्धारित बृहत्ता में खो बैठेगा और कार्य करने तथा व्यावहारिक परिणामों एवं फलप्रद रचना की ओर बढ़ने में असमर्थ ही रहेगा ।
Is it then he, who laid the foundation of his building on piety to Allah and His Good Pleasure, better, or he who laid the foundation of his building on an undetermined brink of a precipice ready to crumble down, so that it crumbled to pieces with him into the Fire of Hell. And Allah guides not the people who are the Zalimun.
क्या जिस शख़्स ने ख़ुदा के ख़ौफ और ख़ुशनूदी पर अपनी इमारत की बुनियाद डाली हो वह ज्यादा अच्छा है या वह शख़्स जिसने अपनी इमारत की बुनियाद इस बोदे किनारे के लब पर रखी हो जिसमें दरार पड़ चुकी हो और अगर वह चाहता हो फिर उसे ले दे के जहन्नुम की आग में फट पडे और ख़ुदा ज़ालिम लोगों को मंज़िलें मक़सूद तक नहीं पहुंचाया करता