शाही/प्रतापी
राजसी
शाही
He pointed out that the teaching departments of the University had been started in pursuance of an Act of the imperial Legislature, the Act of 1904,., and post - graduate teaching had been consolidated in the University in 1917 with the sanction of the Government.
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के अध्यापन विभाग साम्राज्य विधानमंडल के 1904 के अधिनियम के अनुसार शुरू किये गये थे और 1917 में सरकार कि अनुमति से ही स्नातकोत्तर अध्यापन को सुदृढ़ बनाया गया ।
By the blessed imperial orders several thousand animals were granted safety.
शाही आज्ञा से हजारों जानवरों की जानें बचीं ।
The Indian army acted as the chief instrument for maintaining the far - flung British empire and protecting and promoting British imperial interests in East, South - East, Central and West Asia and North, East and South Africa.
भारतीय सेना ने दूर - दराज के ब्रितानी साम्राज्य की देखभाल तथा पूर्व, दक्षिण - पूर्व, मध्य तथा पश्चिमी एशिया और उत्तरी, पूर्वी तथा दक्षिणी अफ्रीका में शाही हितों की रक्षा और बढ़ोत्तरी में एक मुख्य औजार के रूप में काम किया.
Whatever the fact, the proposal of the Guru was welcomed in the orthodox government circles, and orders were issued to summon the Guru to the Guru Tegh Bahadur ' s Missionary Travels 35 imperial court in the hope that once he was converted, there would be a large accession of Hindu and Sikh converts.
असल बात जो भी हो, गुरु के प्रस्ताव का रूढिवादी सरकारी क्षेत्रों में स्वागत हुआ और गुरु को बादशाह के दरबार में हाजिर होने का हुक्मनामा इस उम्मीद से जारी किया गया कि एक बार यदि गुरु का धर्म - परिवर्तन हो गया तो बड़ी संख्या में हिन्दू और सिखों का धर्म परिवर्तन सम्भव हो जायेगा ।
Those who would not Guru Tegh Bahadur succumb to this pressure escaped from the vigilance of imperial troops and, in despair, fled Kashmir.
जो इस दबाव के आगे नहीं झुके वे सरकारी फौजों की चौकस निगाहों से बचकर निराशा में कश्मीर छोड़कर भाग निकले ।
This position is similar to the imperial position however the woman faces away from the man. In a way this position is also the rear entry position. The position of the man is similar as in the imperial position but the woman turns her back towards the man bringing the vagina over the penis for insertion. The woman is very comfortable in this position. She gets support from her legs which allows her to push very conveniently. This position is surprisingly open for changes and can be modified further with more ideas using different furniture.
यह पोजीशन शाही पोजीशन की ही तरह है बस इसमें महिला अपनी चेहरा पुरुष के चेहरे के दूसरी ओर कर लेती है. एक तरह से यह पीछे से प्रवेश की भी पोजीशन है. इसमें पुरुष की स्थिति ठीक शाही पोजीशन की ही तरह रहती है लेकिन महिला पुरुष की ओर पीठ करके ठीक उसके लिंग के सामने अपनी योनि को लाकर खड़ी होती है. फिर धीरे से योनि को लिंग में प्रवेश कराती है. इस पोजीशन में महिला काफी आरामदायक स्थिति में रहती है. इसमें उसे सहारा उसके पैरों से मिलता है जिससे उसे धक्के लगाने में भी आसानी होती है. यह पोजीशन आश्चर्यजनक रूप से परिवर्तनशील है इसलिये इसे कुछ अन्य आइडिया के साथ दूसरे फर्नीचर पर भी अपनाई जा सकती है.
To hold India under its imperial authority, the British had to control it from the Centre and ensure that power remained centralized in their hands.
भारत को अपने साम्राज्यवादी शिकंजे में रखने के लिए अंग्रेजों को उसका नियंत्रण केंद्र से करना था और यह सुनिश्चित करना था कि सत्ता उनके हाथों में रहे ।
The limited internal resources of Maharashtra could not possibly support the large army which Shivaji kept or the imperial position and world - dominion to which the Peshwas aspired.
महाराष्ट्र के सीमित आंतरिक संसाधन संभवतः शिवाजी की विशाल सेना के भरण - पोषण तथा पेशावाओं के शाही शानो - शौकत और विश्व - प्रभुत्व की महत्वाकांक्षा को पूरा करने में सक्षम न थे ।
Consequently, he left the imperial service and joined the forces of the Maharaja of Jaipur.
इसलिए उपनी स्थिति से असन्तुष्ट होकर उसने शाही नौकरी छोड़ दी, और वह जयपुर के महाराजा की सेना में नौकर हो गया ।
Gandhi still trusted the British sense of fair play and believed that the imperial Government could be induced to guarantee justice for His Majesty ' s Indian subjects in South Africa.
गांधी जी अभी भी अंग्रेजों की न्यायभावना का भरोसा करते थे और उन्हें विश्वास था कि साम्राज्ञी सरकार को दक्षिण अफ्रीका में महामहिम की भारतीय प्रजा के साथ न्याय की जमानत देने के लिए प्रेरित किया जा सकता है ।