निष्ठा {राजभक्ति}
निष्ठा
प्रतिबद्धता
Sir N. P. Engineer, opening the prosecution case, said that the accused were Indian commissioned officers owing allegiance to the King and as such they were subject to the Army Act.
अभियोग पक्ष द्वारा सर एन. पी. इंजीनियर ने मुकदमे का आरंभ करते हुए कहा कि अभियुक्त भारतीय सेना के कमिशंड अफसर थे और महामहिम सम्राट के प्रति प्रतिज्ञाबद्ध होने के कारण आर्मी एक्ट के अधीन थे ।
You desire us today to declare our allegiance to the British government.
आज आप चाहते हैं कि हम ब्रिटिश सरकार के प्रति अपनी निष्ठा घोषित करें ।
Indeed, those who pledge allegiance to you, - they are actually pledging allegiance to Allah. The hand of Allah is over their hands. So he who breaks his word only breaks it to the detriment of himself. And he who fulfills that which he has promised Allah - He will give him a great reward.
बेशक जो लोग तुमसे बैयत करते हैं वह ख़ुदा ही से बैयत करते हैं ख़ुदा की क़ूवत ग़ालिब है तो जो अहद को तोड़ेगा तो अपने अपने नुक़सान के लिए अहद तोड़ता है और जिसने उस बात को जिसका उसने ख़ुदा से अहद किया है पूरा किया तो उसको अनक़रीब ही अज्रे अज़ीम अता फ़रमाएगा
Disqualifications for Membership: Under article 102, a person shall be disqualified for being chosen as and for being a member of either House - LRB - i - RRB - if he is not a citizen of India or otherwise owes allegiance to a foreign State, - LRB - ii - RRB - if he is an undischarged insolvent or one declared by a competent court to be of unsound mind, - LRB - iii - RRB - if he holds any office of profit under the Union or a State Government other than the office of Minister or any office exempted by Parliament by law, and - LRB - iv - RRB - if he is otherwise disqualified under any law made by Parliament.
सदस्यता के लिए निरर्हताएं: अनुच्छेद 102 के अधीन कोई व्यक्ति संसद के किसी सदन का सदस्य चुने जाने के और सदस्यहोने के योग्य नहीं होगा यदि वह भारत का नागरिक नहीं है अथवा अन्यथा किसी विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा रखता है ; यदि वह अनुन्मोचित दिवालिया1 है अथवा विकृतचित्त है और उसके बारे में सक्षम न्यायालय की घोषणा विद्यमान है ; भारत सरकार के या राज्य सरकार के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है, सिवाय मंत्री पद के अथवा उस पद के जिसके बारे में संसद ने विधि द्वारा छूट दी है ; और संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून के अधीन अयोग्य ठहराया गया हो.
O dear Prophet! If Muslim women come humbly to you to take oath of allegiance that they will neither ascribe any partner to Allah, nor steal, nor commit adultery, nor kill their children, nor bring the lie that they carry between their hands and feet, nor disobey you in any rightful matter – then accept their allegiance and seek forgiveness from Allah for them ; indeed Allah is Oft Forgiving, Most Merciful.
ऐ नबी! जब तुम्हारे पास ईमानवाली स्त्रियाँ आकर तुमसे इसपर ' बैअत ' करे कि वे अल्लाह के साथ किसी चीज़ को साझी नहीं ठहराएँगी और न चोरी करेंगी और न व्यभिचार करेंगी, और न अपनी औलाद की हत्या करेंगी और न अपने हाथों और पैरों को बीच कोई आरोप घड़कर लाएँगी. और न किसी भले काम में तुम्हारी अवज्ञा करेंगी, तो उनसे ' बैअत ' ले लो और उनके लिए अल्लाह से क्षमा की प्रार्थना करो । निश्चय ही अत्यन्त बहुत क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है
” Thirdly: For that, he being a subject of the British Government of India, and not regarding the duty of his allegiance, did, at Delhi, on the llth of May, 1857, or thereabouts, as a traitor against the State, proclaim and declare himself the reigning King and sovereign of India and did then and there traitorously seize and take unlawful possession of the city of Delhi and did, moreover, at various times, between the 10th of May and 1st of October, 1857, as such false traitor aforesaid, treasonably conspire, consult and agree with Mirza Mughal, his own son, and with Muhammad Bakht Khan - LRB - Jawan Bakht - RRB - Subedar of the Regiment of Artillery, and diverse and other false traitors unknown, to raise levy and make insurrection, rebellion and war against the State and further to fulfil and protect his treasonable design of over - throwing and destroying the British Govern - ment in India, did assemble armed forces at Delhi and send them forth to fight and wage war against the said government. ”
तीसराः इसलिए कि उन्होंने भारत में ब्रिटिश सरकार के अधीन होते हुए, राजभि के अपने कर्तव्य का पालन करने की बजाय, दिल्ली में 11 मऋ 1857 को या उसके आसपास राज्य के प्रति विश्वासघात किया, स्वयं को भारत का सम्राट घोषित किया और आगे चलकर देशद्रोहात्मक ढंग से दिल्ली शहर पर गैरकानूनी कब्जा कर लिया. इतना ही नहीं, 10 मऋ से 1 अ ऊबर, 1857 के दऋरान कऋ बार, उ देशद्रोही ने अपने पुत्र मिर्जा मुगल, तोपखाना रेऋमेंट के सूबेदार मुहम्मद बख्त खान ह्यजवां बख्तहृ और कऋ अ & आत देशद्रोहियों के साथ मिलकर, सलाह कर, फऋज जमा करने, राज्य के खिलाफ बगावत करने और लडऋआऋ करने का षड्यंत्र बनाया.
For this purpose we need not hound out of public life every individual or organisation owing allegiance to Hindu ideals or culture,, or to the need for consolidating Hindus. 2.
इस उद्देश्य के लिए हमें प्रत्येक व्यक्ति को अथवा संस्था को सार्वजनिक जीवन से इसलिए नहीं हटा देना चाहिये कि वे हिन्दू आदर्शों या संस्कृति में श्रद्धा रखते हैं या हिन्दुओं को संगठित करने में निष्ठा रखते हैं ।
Those who swear allegiance to you swear allegiance to Allah. The Hand of Allah is above their hands. He who breaks his oath breaks it against his self, but for he that keeps his covenant made with Allah, Allah shall give him a mighty wage.
बेशक जो लोग तुमसे बैयत करते हैं वह ख़ुदा ही से बैयत करते हैं ख़ुदा की क़ूवत ग़ालिब है तो जो अहद को तोड़ेगा तो अपने अपने नुक़सान के लिए अहद तोड़ता है और जिसने उस बात को जिसका उसने ख़ुदा से अहद किया है पूरा किया तो उसको अनक़रीब ही अज्रे अज़ीम अता फ़रमाएगा
Is the man who lays the foundations of his sanctum on his allegiance to God and the wish to seek His favour, better, or he who lays the foundations of his building on the edge of a bank eroded by water, which will collapse with him into the fire of Hell ? But God does not guide the people who are wilfully unjust.
फिर क्या वह अच्छा है जिसने अपने भवन की आधारशिला अल्लाह के भय और उसकी ख़ुशी पर रखी है या वह, जिसने अपने भवन की आधारशिला किसी खाई के खोखले कगार पर रखी, जो गिरने को है । फिर वह उसे लेकर जहन्नम की आग में जा गिरा ? अल्लाह तो अत्याचारी लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता
Indeed those who swear allegiance to you, swear allegiance only to Allah: the hand of Allah is above their hands. Then whosoever breaks his oath, breaks it only to his own detriment, and whoever fulfills the covenant he has made with Allah, He will give him a great reward.
वे लोग जो तुमसे बैअत करते है वे तो वास्तव में अल्लाह ही से बैअत करते है । उनके हाथों के ऊपर अल्लाह का हाथ होता है । फिर जिस किसी ने वचन भंग किया तो वह वचन भंग करके उसका बवाल अपने ही सिर लेता है, किन्तु जिसने उस प्रतिज्ञा को पूरा किया जो उसने अल्लाह से की है तो उसे वह बड़ा बदला प्रदान करेगा