गाने के बारे में जानकारी
यह गाना फ़िल्म "Anuraag" से है।
इस गाने के बोल Anand Bakshi ने लिखे हैं।
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गाने के बोल
र :ओ तेरे नैनों के मैं दीप जलाऊँगा
अपनी आँखों से दुनिया दिखलाऊँगा
तेरे नैनों के ॥।
ल :अच्छा
वो क्या है
र :एक मन्दिर है
ल :उस मन्दिर में
र :एक मूरत है
ल :ये मूरत कैसी होती है
र :तेरी सूरत जैसी होती है
ल :वो क्या है
मैं क्या जानूँ छाँव है क्या और धूप है क्या
रंग्-बिरंगी इस दुनिया का रूप है क्या
वो क्या है
र :एक पर्वत है
ल :उस पर्वत पे
र :एक बादल है
ल :ये बादल कैसा होता है
र :तेरे आँचल जैसा होता है
ल :वो क्या है
र :मस्त हवा ने घूँघट खोला कलियों का
झूम के मौसम आया है रंग्-रलियों का
ल :वो क्या है
र :एक बगिया है
ल :उस बगिया में
र :कई भँवरे है
ल :भँवरे क्या रोगी होते हैं
र :नहीं दिल के रोगी होते हैं
ल :ऐसी भी अन्जान नहीं मैं अब सजना
बिन देखे मुझको दिखता है सब सजना
र :अच्छा
तो वो क्या है
ल :वो सागर है
र :उस सागर में
ल :इक नैया है
र :अरे तूने कैसे जान लिया
ल :मन की आँखों से नाम लिया
वो क्या है