सूर्य सा जलना सीखो…
यदि मंज़िल हासिल करना चाहते हो,
तो राह पर तरपना सीखो।
यदि सूर्य सा चमकना चाहते हो,
तो सूर्य सा जलना सीखो।।
जब लोहे की भट्टी में कोयला डलता है,
बिना तपे कोई लोहा नहीं बनता है।
लावे की अंगारों से गुज़रे बिना,
कोई हीरा नहीं बनता।
रात्री को पार किए बिना,
कोई सवेरा नहीं बनता।
यदि सागर सा विशाल बनना है,
तो बूंदों सा अनुसासन सीखो।
यदि सूर्य सा चमकना चाहते हो,
तो सूर्य सा जलना सीखो।।
गुलाब के सुगंध का अनुभव करने के लिए,
गुलाब के कांटों को तारना पड़ता है।
सागर की गहराई से मोती लाने के लिए,
पहले सागर में डूबना पड़ता है।
बिना गिरे किसी ने चलना नहीं सीखा,
अमावस्या को देखे बिना,
किसी ने पूर्णिमा नहीं देखा।
यदि आसमान को नापना चाहते हो,
तो चील सा उड़ना सीखो।
यदि सूर्य सा चमकना चाहते हो,
तो सूर्य सा जलना सीखो।।
- देवर्पिता बनर्जी