तेजपत्ते सा हरा
सेज
कपूर का पत्ता
ज्ञानी
ऋषि
तेजपात
साधु
Salvia
Sage-green
A proper noun after a sage.
ऋषि के नाम के प्रयोग में होने वाला व्यक्तिवाचक संज्ञा ।
Divested of the complication created by the emboxing of tale within a tale, the simple story in the Kadambari might be summarised as follows: Shvetaketu was a great divine sage living in the heavenly regions.
अंतर्कथाओं के कारण उत्पन्न भ्रम को अलग हटाकर हम कादंबरी की कथा को संक्षेप में इस प्रकार प्रस्तुत कर सकते हैंः श्वेतकेतु एक महान् ऋषि थे, जो स्वर्गिक क्षेत्र में निवास करते थे ।
Sage Agastya kept his promise for a long time, but one day he began teaching his disciples a difficult lesson in philosophy.
बहुत काल तक तो अगस्त्य ने अपना वचन निभाया, लेकिन एक दिन वह अपने शिष्यों को दर्शनशास्त्र की कोई ऐसी गूढ़ बात समझाने में लग गये कि समय का ध्यान नहीं रहा ।
Sashisekhar Bhatta - charya was a wild young man whose primary occupation seemed to be to beget bastards, but when the story of DurgeshnandiniJten - kim ' s earliest novelopens, he is a sannyasin, a sage and a hermit, who has achieved complete mastery over his passions.
शशिशेखर भट्टाचार्य एक ऐसा उद्वत युवक था जिनका मुख्य धंधा अवैध संतान पैदा करना ही दिखता था, किंतु जब दुर्गेशनंदिनी - बंकिम का सबसे पहला उपन्यास की कहानी शुरू होती है तो वह एक ऐसे संन्यासी, एक ऐसे मुनि - तपस्वी के रूप में हमारे सामने आता है जिसने अपनी इंद्रियों पर पूर्ण विजय पा ली है ।
It is believed that one time the capital of Nepal, Kathmandu, the sage ' s penance was the site
माना जाता है कि एक समय नेपाल की राजधानी काठमांडू ने ऋषि का तपस्या स्थल था ।
The flowers of the sage has two stamens, they are diandrous.
सेज पुष्पों में दो पुंकेसर होते हैं वे द्विपुंकेसर होते हैं
Thinking that the sage is the culprit who has stolen the horse, they insulted him.
सगर के पुत्रों ने यह सोच कर कि ऋषि ही घोड़े के गायब होने की वजह हैं उन्होंने ऋषि का अपमान किया ।
You are a perfect sage.
आप पक्के साधु हैं ।
A lonely power, peace and stillness is the last word of the philosophic equality of the sage ; but the soul in its integral experience liberates itself from this self - created status and enters into the sea of a supreme and all - embracing ecstasy of the beginningless and endless beatitude of the Eternal.
एकाकिनी शक्ति, शान्ति एवं स्थिरता ज्ञानी की चिन्तात्मक समता का अन्तिम मंत्र है ; परन्तु आत्मा अपने सर्वांग अनुभव में अपने - आपको इस स्वरचित स्थिति से मिक्त कर लेती है और सनातन के अनादि और अनन्त आनन्द के परम सर्वसमालिंगी उल्लास के सागर मे अवगाहन करती है ।
While helping the seeker to proceed on his own chosen path, the sage brings in his special method of COLLECTED WORKS: PROSE PIECES Self - enquiry and explains it at some length.
जो मार्ग साधक ने चुना था उस पर आगे बढ़ने में उसकी सहायता करते हुए, महर्षि ' आत्मविचार ' की अपनी विशिष्ट पद्धति रखते हैं और उसे कुछ विस्तार से समझते हैं ।