Meaning of Chant in Hindi - हिंदी में मतलब

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Ayush Rastogi
Mar 07, 2020   •  1 view
  • कीर्तन करना

  • राग अलापना

  • राग

  • गीत/भजन

  • कीर्तन

  • अलापना

Synonyms of "Chant"

  • Intone

  • Intonate

  • Cantillate

  • Tone

"Chant" शब्द का वाक्य में प्रयोग

  • What we find in the life and teachings of Sri Ramana is the purest of India: with its breath of world - liberated and liberating humanity, it is a chant of millenniums.
    श्री रमण के जीवन और उनकी शिक्षाओं में हमें जो मिलता हैं वह भारत का पवित्रतम अंश है: वह सहस्त्राब्दियों का गान है जिसमें विश्व से मुक्त और मुक्तिदायिनी मानवता का प्राण निनादित है ।

  • Surely those who are with thy Lord wax not too proud to serve Him ; they chant His praise, and to Him they bow.
    बेशक जो लोग तुम्हारे परवरदिगार के पास मुक़र्रिब हैं और वह उसकी इबादत से सर कशी नही करते और उनकी तसबीह करते हैं और उसका सजदा करते हैं सजदा

  • They plant the tails of the jackals at the four cardinal points of the village and chant a few magic words which are reported to be capable of preventing attacks of wild animals.
    गांव की चारों दिशाओं में सियार की पूंछे गाड़कर कुछ तांत्रिक सूत्रों का उच्चारण कर देने से पूर्व गांव को वन्य पशुओं के उपद्रव से बचाया जा सकता है ऐसा उन्हें दृढ़ विश्वास होता है ।

  • In the songs and refrains they chant while rowing their boats the names of saints and holy men are to be found in every chant.
    नाव खेते समय वे जो गीत गाते हैं, उनमें संतों तथा पीरों का नाम अवश्य होता है ।

  • Bonfires of foreign cloth lit up the streets and squares in cities, towns and villages, and the hum of the spinning wheel rose like a sacrificial chant in thousands of homes.
    नगरों, कस्बों और गांवों की गलियों मे, चौराहों पर विदेशी कपड़े की होलियां जलने लगीं, और हजारों घरों में यज्ञ के मंत्र की तरह चरखे की गूंज उठने लगी ।

  • everyone in the market fell to their knees, touched their foreheads to the ground, and took up the chant.
    उसने अजान दी और फिर सारे लोग घुटनों के बल बैठकर नमाज पढ़ने लगे ।

  • And they follow what devilish beings used to chant against the authority of Solomon, though Solomon never disbelieved and only the devils denied, who taught sorcery to men, which, they said, had been revealed to the angels of Babylon, Harut and Marut, who, however, never taught it without saying:" We have been sent to deceive you, so do not renounce." They learnt what led to discord between husband and wife. Yet they could not harm any one or without the dispensation of God. And they learnt what harmed them and brought no gain. They knew indeed whoever bought this had no place in the world to come, and that surely they had sold themselves for something that was vile. If only they had sense!
    जिसको सुलेमान के ज़माने की सलतनत में शयातीन जपा करते थे हालाँकि सुलेमान ने कुफ्र नहीं इख़तेयार किया लेकिन शैतानों ने कुफ्र एख़तेयार किया कि वह लोगों को जादू सिखाया करते थे और वह चीज़ें जो हारूत और मारूत दोनों फ़रिश्तों पर बाइबिल में नाज़िल की गई थी हालाँकि ये दोनों फ़रिश्ते किसी को सिखाते न थे जब तक ये न कह देते थे कि हम दोनों तो फ़क़त है पस तो बेईमान न हो जाना उस पर भी उनसे वह सीखते थे जिनकी वजह से मिया बीवी में तफ़रक़ा डालते हालाँकि बग़ैर इज्ने खुदावन्दी वह अपनी इन बातों से किसी को ज़रर नहीं पहुँचा सकते थे और ये लोग ऐसी बातें सीखते थे जो खुद उन्हें नुक़सान पहुँचाती थी और कुछ पहुँचाती थी बावजूद कि वह यक़ीनन जान चुके थे कि जो शख्स इन का ख़रीदार हुआ वह आख़िरत में बेनसीब हैं और बेशुबह बहुत ही बड़ा है जिसके बदले उन्होंने अपनी जानों को बेचा काश सोचे समझे होते

  • His Choth Jo chant the Fourth Day Moon was his first attempt at fiction, and was based on the popular conception that he who has a look at the fourth day moon in the month of Bado or Bhadun will be the victim of many misunderstandings.
    पर उनके कथन का खंडन इस प्रकार के गद्यांशों से हो जाता है कयोंकि ऐसे गद्यांश उनकी अपनी घोषित किसी भी पुस्तक में नहीं मिलते हैं ।

  • He usually opens his lectures with a Vedic chant and then invites questions from the audience.
    आम तौर पर वे अपना भाषण वैदिक मंत्रोच्चार से शुरू करते हैं और फिर श्रोताओं से प्रश्न आमंत्रित करते हैं.

  • There is a long and humorous description, in the Chaucerian manner, of people drawn from various walks of life, they chant ' Glory to King Gangeswara ', that was only meant to signify that the common people had become callous and indifferent to their exploitation and slavery, and had no political awareness.
    उद्देश्य यह व्यंचित करना है कि आम लोग अपने शोषण और अपनी दास्यदशा के प्रति बेहिस और उदासीन हो चुके थे और राजनीतिक जागरूकता उनमें नाम मात्र को भी न थी ।

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