केन्द्रापसारी
अपकेंद्री
To sum up what has been said so far: the cycle of history has again brought us to the point where centrifugal forces are at work and there is a danger that the country might face cultural disintegration, leading first to political anarchy and then to foreign domination.
अभी तक जो कहा गया है उसके निष्कर्ष में, इतिहास का चक्र हमें पुनः उस बिंदू पर ले आया है, जहां अपकेंद्रीय शक्तियां कार्यरत है और खतरा उत्पन्न हो गया हे कि देश को सास्कृतिक विघटन का सामना करना होगा, जिससे राजनैतिक अराजकता उत्पन्न होगी और उसके बाद विदेशी सत्ता आ सकती है, हमें इस समस्या का समाधान करना होगा, जैसा कि पूर्व में समाधान हुआ ।
Every one of the stanzas comes down like a heavy hammer stroke, with its own intrinsic weight, on the ego, the centrifugal force tending to tear us from our true Self and to transfix us in one peripheral phenomenon after another.
प्रत्येक पद, भारी हथौड़े की चोट की तरह, अपने पूरे भीतरी भाग के साथ, अंह पर पड़ता है - केंद्र से भटकाने वाली उस शक्ति पर पड़ता है जो हमें हमारे सच्चे आत्म से अलग करती है और परिधि पर दिखनेवाली एक के बाद दूसरी घटनाओं में जड़ीभूत करती रहती है ।
This tendency to fly away is caused by the centrifugal force.
केंद्र से दूर जाने की प्रवृत्ति अपकेंद्री बल की देन है ।
The auditory centrifugal pathways are efferent pathways that carry information more from the central to peripheral levels.
श्रोत्रीय केंद्रपसारी पथमार्ग ऐसे अपवाही पथमार्ग होते हैं जहां से केंदीय स्तरों से परिधीय स्तरों तक सूचना जाती है ।
Surface mounted centrifugal pump set,
सतह पर रखा हुआ अपकेन्द्रिक पम्प सेट,
After they are dissipated, a centrifugal force helps to reform the eye - wall 10 to 15 kilometers farther away.
जब उनका क्षय हो जाता है, तब एक अपकेंद्री बल की सहायता से 10 - 15 किलोमीटर की दूरी पर अक्षि दीवार फिर से बन जाती है ।
To sum up what has been said so far: the cycle of history has again brought us to the point where centrifugal forces are at work and there is a danger that the country might face cultural disintegration, leading first to political anarchy and then to foreign domination. Zअभी
तक जो कहा गया है उसके निष्कर्ष में, इतिहास का चक्र हमें पुन: उस बिंदू पर ले आया है, जहां अपकेंद्रीय शक़्तियां कार्यरत है और खतरा उत्पन्न हो गया हे कि देश को सास्कृतिक विघटन का सामना करना होगा, जिससे राजनैतिक अराजकता उत्पन्न होगी और उसके बाद विदेशी सत्ता आ सकती है, हमें इस समस्या का समाधान करना होगा, जैसा कि पूर्व में समाधान हुआ.