श्री बालाजी की आरती

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Anant Agarwal
Aug 19, 2019   •  0 views

ॐ जय हनुमत वीरा, स्वामी जय हनुमत वीरा।
संकट मोचन स्वामी, तुम हो रणधीरा ॥

पवन पुत्र अंजनी सूत, महिमा अति भारी।
दुःख दरिद्र मिटाओ, संकट सब हारी ॥ॐ जय॥

बाल समय में तुमने, रवि को भक्ष लियो।
देवन स्तुति किन्ही, तुरतहिं छोड़ दियो ॥ॐ जय॥

कपि सुग्रीव राम संग मैत्री करवाई।
अभिमानी बलि मेटयो कीर्ति रही छाई ॥ॐ जय॥

जारि लंक सिय-सुधि ले आए, वानर हर्षाये।
कारज कठिन सुधारे, रघुबर मन भाये ॥ॐ जय॥

शक्ति लगी लक्ष्मण को, भारी सोच भयो।
लाय संजीवन बूटी, दुःख सब दूर कियो ॥ॐ जय॥

रामहि ले अहिरावण, जब पाताल गयो।
ताहि मारी प्रभु लाय, जय जयकार भयो ॥ॐ जय॥

राजत मेहंदीपुर में, दर्शन सुखकारी।
मंगल और शनिश्चर, मेला है जारी ॥ॐ जय॥

श्री बालाजी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत इन्द्र हर्षित, मनवांछित फल पावे ॥ॐ जय॥

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