क्यों हम गंदगी छुपाते हैं
और सिर्फ सुंदरता दिखाते हैं ??
क्यों हम बुराई छुपाते हैं
और सिर्फ अच्छाई दिखाते हैं ??

क्यों ना आज कुछ नया करें ,
हर गंदगी में कुछ सुंदर और हर बुराई में कुछ अच्छाई ढूंढे ??
क्यों ना आज उस प्राचीन ख्याल को छोड़ें और यह नवीन सोच अपनाएं ??
क्यों ना आज इस दुनिया की हर चीज को प्रेम के भाव से देखें??

चाहे वह विशाल पहाड़ हो या छोटा सा चूहा
चाहे वह बहती हुई नदी हो या स्थिर खड़ी पुरानी हवेली
चाहे वह बोलता हुआ इंसान हो या बेजुबान कुत्ता
चाहे वह फकीर हो या कोई अमीर जादा !!

क्या पता शायद यह सब इतने अलग ना हो
क्या पता शायद सब में कुछ खास हो
क्या पता शायद सबको बनाने के पीछे खुदा की कोई वजह हो क्या पता शायद शायद यही जीवन का सार हो !!