वो कॉलेज के दिन ही अच्छे थे

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Shubham Pathak
Jan 24, 2020   •  7 views

वो बारहवीं के बाद कॉलेज जाना
अनजाने लोगों से परिचय बनाना
कैसे लोग मिलेंगे ये सोच के घबराना
कॉलेज न जाने को ढूंढते लाखों बहाना
धीरे-2 एक दूसरे से दोस्ती बढ़ाना
एक साथ झुंड बना के पढ़ने जाना
शायद अब तक भी हम बच्चे थे
वो कॉलेज के दिन ही अच्छे थे।

सबका एक जगह बैठ के खाना
दोस्तों के कॉपी और बैग छुपाना
साथ पार्टी करना साथ बैठ के खाना
फिर एक दूसरे से नोट्स मंगवाना
एक दूसरे का यूँ साथ निभाना
कोई कुछ कहे तो तुरंत लड़ जाना
पर दिल के सब बहुत सच्चे थे
वो कॉलेज के दिन ही अच्छे थे।

जब मन हो क्लास बंक कर जाना
कोई चिढ़ाए तो तुरंत चिढ़ जाना
और कभी रूठना तो कभी मनाना
दोस्तों को हर छोटी बड़ी बात बताना
क्लास शुरू होने के घण्टो पहले आ जाना
फिर वो हँसते खेलते पल बिताना
अलग होकर भी हम एक गुच्छे थे
वो कॉलेज के दिन ही अच्छे थे।

फिर वो फेयरवेल का दिन आना
यूँ पल भर में सबसे बिछड़ जाना
पुरानी तस्वीरों को देखना
फ़िर उन्हें देख कर मुस्कुराना
इस क़दर उन लोंगों की यादें मिटाना
हमारे रिश्तों के धागे बिल्कुल न कच्चे थे
वो कॉलेज के दिन ही अच्छे थे।
शुभम पाठक

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