सीखता कौन है? कुछ लोग सोचते हैं कि हम तो ज्ञानी हैं सब कुछ जानते समझते हैं, हमें सीखने की क्या जरूरत? कुछ लोग सोचते हैं कि जितना सीखा जाए, उतना कम है।
सच में, सीखने का कोई अंत नहीं है। सीखने की कोई उम्र नहीं होती। इस दुनिया में ज्ञान का खजाना इतना विशाल है कि एक जीवन में कोई व्यक्ति पुरा ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता। माना जाता है कि बच्चा जन्म के पहले पेट में रहते ही सीखना शुरू कर देता है। उसके बाद ज्ञान ग्रहण करने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। जीवन भर कुछ ना कुछ ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। यह सब मनुष्य पर स्वयं निर्भर करता है। कुछ लोगों की जिज्ञासा बड़ी तेज होती है। जानने की भूख उनमें सदा बनी रहती है। ऐसे लोग चाहे 90 या उससे भी ज्यादा उम्र के हो जाए, फिर भी यदि स्वस्थ है तो कुछ ना कुछ जानने सीखने की कोशिश रहती है और दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने आप को इस तरह से पारंगत समझते हैं। यह सही नहीं है।
हमें हर समय कुछ नया कुछ अच्छा सीखने का प्रयास करना चाहिए। उम्र चाहे कितनी भी क्यों ना हो। यही नहीं सीखने के लिए किसी अवसर को खोजने की जरूरत नहीं है। आसपास के माहौल से भी सीखा जा सकता है। छोटे बच्चों से भी प्रेरणा ली जा सकती है। यहां तक एक चींटी से भी हम बहुत कुछ सीख सकते हैं।