फ़िरोज़ाबाद में खनकती चूड़ियाँ

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Juhi Tomar
Apr 13, 2019   •  40 views

लखनऊ ,फ़िरोज़ाबाद जाना माना शहर है जहाँ चूड़ियां
के लिए भारत के साथ पुरे विश्व भर में फ़िरोज़ाबाद मशहूर है।फिरोजाबाद में काँच जैसी वस्तु से सजाए जाने वाले आइटम और लाइट्स के लिए भी जाना जाता है।

लाखो लोग काँच की चूड़ियां खरीदने फ़िरोज़ाबाद आते है । लोगो का मानना है कि इस शहर की बनी चूड़ियां की खास बात यह है कि इन चूड़ियों में किसी तरह का कोई जोड़ नही होता है और इसे स्थानीय भाषा मे कड़ेछल की चूड़ी कहते है।

फ़िरोज़ाबाद में हिल्ल की चूड़ियों की मांग अधिक मांग में होती है। इन चूड़ियोंपर सोने से काम किया जाता है इनकी कीमत अन्य चूड़ियों के अपेक्षा काफी अधिक मात्रा में होती है।इसलिए हिल्ल की चूड़ियों को बाहर भी भेजा जाता है

शहर में चूड़ियों को तैयार करके इसे देश विदेश की मांग के अनुसार भेजा जाता है। फ़िरोज़ाबाद के चूड़ियों वाली दुकानोंका कहना है कि खाली विदेश ही नही जाती परंतु वहाँ की विदेशी महिला जो चूड़ियां नही पहनती थी लेकिन जो टूरिस्टभारत मे आकर वापस गए उनमे से कुछ महिलाओं ने चूड़ियां पहनी भी और 10- 10 का सेट बनवा कर ले भी गयी।वहां काँच से बने जार ,मोमबत्ती स्टैंड , बल्ब , चश्मे, फूलो का गुलदस्ता,और सजावटी रोशनी आदि समान इस शहर में तैयार किये जाते है गयी।

चूड़ियां बनाने वाले भी अपनी पूरी दिन रात एक कर देते है चाहे अंधेरा हो या फिर उजाला वो अपने काम से पीछे नही हटते । फ़िरोज़ाबाद में चूड़ियों का कारखानों को प्रतिदिन का टर्न ओवर करोड़ो रूपये में है । पूरे जिलों भर से लोग इन चूड़ियों में मेहनत करकेसुहाग्नियों की कलाइयों को रंगीन करते है । बाजार में चूड़ियों का कोई भाव ही नही है। 20 रुपये तोड़े से लेकर एक हज़ारऔर पाँच हज़्ज़र तकचूड़ियां उपलब्ध है ।

अब फिरोजाबाद में लगभग 400 ग्लास उधोग का पंजिकृत है। जिनमे विभिन्न प्रकार के काँच की वस्तुका उत्पादन होता है। वहां काँच से बने जार ,मोमबत्ती स्टैंड , बल्ब , चश्मे, फूलो का गुलदस्ता,और सजावटी रोशनी आदि समान इस शहर में तैयार किये जाते है।

आज के समय मे हर लड़की , छोटी बच्ची , और महिला भी चूड़ियों को पहनती है । चूड़ियां न ही सिर्फ विवाह के वक़्त पहनती है बल्कि किसी भी तरह के कार्यक्रम में पहन सकती है। और तो और लड़कियों तो शॉक भी होता है चूड़ियां पहनना चाहे शादी शुदा हो या कुँअरि।

आज फ़िरोज़ाबाद में न सिर्फ जवान काम करते है बल्कि चूड़ियां बनाने में बच्चे भी अपना पूरा योगदान देते है। दिन रात एक करके चूड़ियों को बनाना और उन पर तरह तरह की डिज़िन करना आदि । ये सिर्फ न एक चूड़ियों की खनकती दुनिया है बल्कि ये एक ऐसा शहर है जहाँ लोगो की महेनत की दाद देनी होगी।

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Ad Thakur  •  5y  •  Reply
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