बाल वेश्यावृत्ति का आतंक

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Juhi Tomar
Apr 04, 2019   •  61 views

बाल वेश्यावृत्ति का अर्थ होता है स्थापित संकर यौन संबंध वेश्यावृत्ति कहलाता है। भारत में बड़े पैमाने में पर बच्चियों को बड़े शहरों में चलने वाले सेक्स उधोग में धकेला जाता है।इन बच्चियों की उम्र 10-12 साल से ज्यादा नही होती है।

आज समाज में ये सब क्यों हो रहा है क्या कभी सोचा ? इसका कारण भी कही न कही हमारे टेलीविजन में चल रहे फ़िल्म , सीरियल्स आदि है जो इस तरह के सीन को दिखाकर लोगो को बढ़ावा देते है भले ही वो सीन दिखाना उनका मकसद कुछ और ही क्यों न हो पर समाज के लोगो की कुछ सोच ऐसी है कि वो पैसे के चक्कर में अपना फायदा किसी भी काम में देख लेते है। उदहारण के लिए जैसे आज दिखाया जाता है कि तीन साल की बच्ची के साथ रेप किया जा रहा है तो लोगो ये सोचते है कि मतलब तीन साल की बच्चे के साथ रेप किया जा सकता है, ये बढ़ावा नही तो और क्या है।

इन बच्चियों की उम्र 10-12 साल से ज्यादा नही होती कि इन्हेंवेश्यालयों में जिस्म बेचने के लिए मजबूर कर दिया जाता है । कुछ लोगो का मानना भी है कि इनके ग्राहक विदेशी पीडोफिल्स(अत्यंत कम उम्र की लड़कियों और लड़कों के साथ यौन क्रिया करने वाले मनोविकृत )नही , बल्कि स्थानीय लोग होते है ,जो कम उम्र की लड़कियों के साथ सेक्स संबंध बनाने से ज्यादा रुचि लेते है।

इन बच्चियों की उम्र 10-12 साल से ज्यादा नही होती कि इन्हेंवेश्यालयों में जिस्म बेचने के लिए मजबूर कर दिया जाता है । कुछ लोगो का मानना भी है कि इनके ग्राहक विदेशी पीडोफिल्स(अत्यंत कम उम्र की लड़कियों और लड़कों के साथ यौन क्रिया करने वाले मनोविकृत )नही , बल्कि स्थानीय लोग होते है ,जो कम उम्र की लड़कियों के साथ सेक्स संबंध बनाने से ज्यादा रुचि लेते है।

आज भारत ही नही कई देशों पिछड़े देशो में विशेषकर। एशिया और अफ्रीका देशो में भी बल वेश्यावृत्ति का मतलब है उनके लड़के और लड़कियोंको सेक्स बाजार में उतारा जाना।पुरी दुनियाँ में बाल वैश्यों की संख्या कितनी है। इसका कोई अकड़ा उपलब्ध नही है। ये बात साफ है कि सेक्स इंडस्ट्री में। इनकी संख्या लगातार बढ़ते हुए क्रम में दिखाई दे रही है ।

बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय माफियाबच्चो को सेक्स बाज़ारमें खरीदे और बेचे जाते है । कितने शर्म की बात है हमारे आंखों के सामने इतना कुछ हो रहा है पर आवाज़ उठाने के लिए किसी के पास हिम्मत नही । लोगो की सोच ने लोगो को इतना कठोर बना दिया है कि लोग यही सोचते है कि यह हमारी बच्ची या बच्चे के साथ नही हो रहा तो क्यों आवाज़ उठाए इससे लोगो की घिनोनी सोच का पता चलता है भले ही वो किसी ओर की बेटी है पर है तो इस देश की ही , इस दुनिया की ही सोच बदलो और जागो।

बाल वेश्यावृत्ति के कारण:-

1) सामाजिक कारण : समाज ने अपनी मान्याताओं , रूढियों ,नीतियांद्वारा इसहै।बालिकाओ की विषम आर्थिक स्थिति का लाभ उठाकर तथा सुखमय भाविष्य की लालच देकर उन्हें इस तरह के कामो के लिए उकसाया जाता है। कुछ लड़कियां, लड़के इन सब कामो में इसलिए चले जाते है क्योंकि उन्हें धमकियों की बंदिश में बंध दिया जाता है।

2) आर्थिक कारण : अनेक लोग जिनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होता है जो उधर नही चुका पाते वो भी अपने बच्चो को इस तरह के घिनोने काम पर बेच देते है। आज हर जगह पैसा देखा जाता है जिंदगी नही पर लोग यह क्यों नही समझते जब जिंदगी ही नही रहेगी तो पैसा किस काम का।

आज भारत मे वेश्यावृत्तिया देहव्यापार अभी भी अनैतिकदेहव्यापार कानून के तहत आते है। समय समय पर इसके कानूनी मान्यता को लेकर चर्चा गर्म होती रहती है परंतु आज भी यह सिलसिला जारी है । देश में आज कुल ग्यारह सौ सत्तर रेड लाइट एरिया है । इसमे व्यापारिक दृष्टिकोण से सबसे ज्यादा धंधा वाला एरिया है कोलकाता और मुम्बई।

अब बारी है इस तरह के क्राइम को रोकने की आज कोई और है उस दल दल में कल आप भी हो सकते हो । सोच बदलो और बच्चो को हर तरह की बातें बताओ और हर तरह की बातों को जानो उनके इतने करीब रहो कल को कुछ हो तो वो आप्से बता सके । उन्हें बन्द तिजोरी में कैद मत करो उन्हें डराओ नही उन्हें इन सब के खिलाफ भड़काओ तकि किसीके साथ ऐसा हो तोह आवाज़ उठा सके अपनी लड़ाई खुद लड़ सके ।

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