पश्चिम सभ्यता की ओर झुकाव

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Juhi Tomar
Apr 14, 2019   •  27 views

आज के समय मे हमारे भारत मे रहने वाले लोग पश्चिमी की सभय्ता की ओर झुकते जा रहे है । आज अगर देखा जाए तो लोग जहाँ पहले सूट और साड़ी में नज़र आते थे वहाँ आज लोग वन पीस, मिडी, अनेक प्रकार के कपड़ो में नज़र आती है वही अगर पश्चमी कीबात की जाए तो वहाँ के लोग भारतीय का संस्कृति और सभय्ता का आदर करते है और उन्हें यह के भारतीयो वस्त्र का उपयोग करते है।

अगर बात की जाए अंग्रजी भाषा की तो,अंग्रजी भाषा शिक्षा का एक माध्यम बना देश की जनता का झुकाव अंग्रजी की ओर हुआ। फलस्वरूप देश के अधिकतर नागरिक धीरे -धीरे अंग्रजी -साहित्य के अध्ययन से सहज में ही उनकी संस्कृति से प्रभावित हो गए। छात्र विदेशी भाषा की छत्रछाया में आकर उसका अनुकरण करने में गौरव का अनुभव करने लगे औरइस प्रकार , वे अपना सर्वस्व देकर भी बदले में बहुत कम पा सके

प्रत्येक देश का अपना एक वातावरण होता है; उसकी अपनीएक प्रकृति होती है और उसी कर अनुकूल वहाँ कीसभय्ता , संस्कृतिऔर विचारधारा होती हैं।

आज भी अगर समाज मे देखा जाए तो विदेशी भारतीय का हर नियमो का पालन करते है , यहाँ की संस्कृति के साथ घुल मिल जाते है । परंतु भारतीय संस्कृति के लोग कही न कही महिलाये इनके कपड़ो को देख देखी करने की कोशिश करती है ।

आज भारत मे विदेशियों का आना जाना लगा है । ऐसी भारत मे कितनी जगह है जहाँ विदेशी टूर करने आते है जैसे कि जयपुर, प्रयागराज, दिल्ली, अगर, और मुम्बई आदि ऐसी जगह वो लोग टूर करते है जहाँ किसी प्रकार की हिस्ट्री छुपी हो। और वो उसी तरह अपना रूप बदलते रहते है जैसे -जैसे वो अलग अलग दिशा में घूमने जाते है।

आज भारत मे भी ऐसी कई जगह है जहाँ एक विदेशी लड़की ने एक भारत के लड़के से शादी की है । या विदेशी लड़के ने एक भारतीय लड़की से शादी की है । अच्छा है कि हम दोनों ही लोग एक दूसरे की संस्कृति को महत्व देते है।

पश्चिमी सभ्यता की चौका चौंध की वजह से भारतीय अपनी सभ्यता छोड़ विदेशी सभ्यता की और आकर्षित हो रहे है, अनुकरण करना गलत नही है परंतु अनुकरण अगर आवयश्कता बन जाये तो वो खुद की पहचान मिटादेता है।

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