समझदारी दोनों का फ़र्ज़ है ....

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Gauri Mangal
Jun 09, 2019   •  27 views

आज जब रिया कॉलेज से वापस आयी तो गेट खुला ही था उसे थोड़ा अजीब लगा क्यूंकि मां तो सेफ्टी वगैरह को लेकर बहुत ज्यादा सतर्क रहती हैं फिर आज यह कैसा गजब हो गया, वो अंदर गयी तो ड्राइंग रूम की लाइट्स भी बंद थी अरे ! यह आज क्या हो गया सबको उसने हाथ उठा कर घडी पर नज़र डाली तो दो बज गया था " दादी....ओ दादी यह आज सूरज पश्चिम से तो नहीं निकला क्यूंकि दो बज गया और आप अपना सीरियल न देख रही है " रिया ने अपने स्वरों को उठाकर दादी को पुकारा पर कोई भी उत्तर न आया उसे थोड़ी घबराहट हुई और वो झट से दादी के रूम में गयी तो देखा की दादी लेटी हुई थी उसने पास जाकर देखा तो दादी सोइ नहीं थी बस आँखें खोले लेटी थी , वो समझ गयी की कुछ तो गड़बड़ है वो बिना कुछ बोले वहां से चली गयी और मम्मी के रूम में जा घुसी .. रिया की मम्मी यानी सीमा एक बहुत सुलझे हुए और शांत स्वभाव की थी और एक नामी कॉलेज में शिक्षिका थी वहअक्सर चुप रहती थी और अपने काम से मतलब रखती थी उसके इस ही स्वभाव को घरवालों ने घमंड का नाम दे दिया था परन्तु इसका मतलब यह नहीं की वो एक अच्छी गृहणी नहीं थी वह अपने हर कार्य को लेकर बहुत सक्रिय रहती थी आज भी जब लेक्चर देकर वापस आयी तो सबसे पहले किचन का काम पूरा किया फिर तैयार होने के लिए अपने कमरे में चली गयी असल में आज उसकी कुछ फ्रेंड्स आ रही थी जिसके बारे में उसने पहले ही माँ को सूचित कर दिया था कुछ समय बाद उसकी फ्रेंड्स आ गयी सीमा उनके साथ बैठी ही थी की माँ की आवाज़ आयी सीमा ज़रा पानी लाना सीमा ने निःसंकोच पानी दिया और बैठ गयी ..कुछ पल बाद सासु माँ बाहर आयी और अचानक से म्यूजिक सिस्टम बंद करती हुई बोली "सीमा तुम्हे ज़रा भी ख्याल नहीं की यह मेरा सोने का टाइम है " सीमा की सारी सहेलियां एक दुसरे का मुँह देखने लगी तभी उनमे से एक बोली " अरे सीमा ! डोंट वरि.. हम फिर कभी आ जाएंगे.... सीमा कुछ बोलती इस से पहले ही उसकी सारी सहेलियां वहां से चली गयी सीमा अब भी वही थी उसकी आँखें भर आयी थी वह बिना कुछ बोले वहां से अपने कमरे में चली गयी और नावेल पढ़ने लगी की तभी कुछ देर बाद वहां रिया आ गयी .. रिया ने दादी के रूठने की वजह पूछी तो सीमा ने स्पष्ट रूप से सब बता दिया सब सुनंने के बाद रिया बोली की हाँ तो दादी सही ही तो बोल रही थी आपको सोचना चाहिए की वो उनका सोने का समय है और आप सॉरी कहे बगैर ऊपर आ गयी ""माँ जस्ट ट्राई टू अंडरस्टैंड!! वो बड़ी हैं "" सीमा थोड़ा हंसी, और बिना कुछ बोले ही वहां से चली गई ..

शाम को उसने रिया की फ्रेंड्स को घर बुलाया, रिया अपनी फ्रेंड्स को देख बड़ी खुश हुई और अपने रूम में ही सबको ले गयी, सीमा बार बार उसके रूम में आ रही थी बार बार आते देख रिया सीमा पर झुंझुला कर बोली की क्या माँ आप भी बार बार आकर परेशान कर रही हैं तोः सीमा ने थोड़ी सख्ती से बोला की "रिया बीहेव योर सेल्फ तुम्हे ज़रा भी ख़याल नहीं की मैं तुमसे बड़ी हूँ" रिया ने गुस्से में अपनी सारी फ्रेंड्स को भेज दिया और सीमा पर चिल्लाने लगी कि मां आपको एसा नहीं करना चाहिए था.... तो सीमा बोली कि रिया मै तुमसे बड़ी हू तुम सॉरी बोलने कि बजाय चिल्ला रही हो इस पर रि "" आप बड़ी हैं पर बड़े होने के नाते आपका भी फ़र्ज़ बनता है कि आप समय के साथ चलें अपने से छोटों कि परिस्थिति को भी समझे हर व्यक्ति को समय के साथ चलना आना चाहिए "" सीमा रिया को चुप चाप खड़े सुन रही थी और अंत में बोली कि रिया तुम सब कुछ बिलकुल सही बोली और आशा करती हू कि तुुम अपनी मां कि परिस्थिति भी अब समझ चुकी होंगी क्यूंकि इस घर में सिर्फ मै ही नहीं हू जो तुमसे बड़ी और तुम्हारी दादी से छोटी हूँ .... एक बात और जो मै दोहराना चाहूंगी भावनाओं को समझना छोटो और बड़ो दोनों का फ़र्ज़ है....

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Profile of Kanika Singla
Kanika Singla  •  4y  •  Reply
So perfectly described!