पागलपन जरूरी नही की एक मानसिक रोग ही हो।पागलपन कुछ भी हो सकता है, किसी के लिए भी हो सकता ओर किसी चीज़ को पाने के लिए हो सकता है। जो पागलपन किसी चीज़ को हासिल करने के लिए हो वो पगलापन नही कहलाकर जुनून कहलाता है। वो चीज़ कुछ भी हो सकती है जैसे-लक्ष्य,व्यक्ति या कोई वास्तु।

एक जुनून ओर दृढ़निश्चयी ही है जो एक इंसान को किसी भी चीज़ को हासिल करने के लिए उसे हमेशा प्रेरित करता रहता है ओर उसे दूसरे लोगो से अलग बनाता है। एक व्यक्ति का जुनून ही तय करता है कि वह इंसान उस क्षेत्र में कितना आगे जाएगा व कितनी सफलता प्राप्त करेगा। व्यक्ति का परिश्रम ही व्यक्ति के किसी चीज़ को चाहने पर निर्भर करता है की वह व्यक्ति उस चीज को कितनी अपनी प्राथमिकता देता है और किसी चीज़ को लेकर इंसान का पागलपन ही दुनिया में बदलाव ला सकता है।

किसी भी चीज़ को पाने के लिए जुनून का होना बहुत आवश्यक है क्योंकि सपने तो हर कोई देखता है।"

व्यक्ति में यह जुनून ऐसे ही नही उत्पन होता है। इस जुनून को उत्पन करने के लिए एक उद्देश्य होना बहूत आवश्यक है जो उसके जीवन के सारे सवालो का जवाब दे सके की वह क्युं उस उद्देश्य को हासिल करना चाहता है ? उसका जुनून, इन सवालों के उत्तरों पर ही निर्भर करता है। हर व्यक्ति के जुनून के पीछे उसकी भावनायें जुड़ी होती है, जो उसे उस चीज़ को पाने के लिए किसी भी हद तक ले जा सकती है जिसकी कोई सिमा तय नहीं होती है।

जुनून व्यक्ति को सोचने के लिये नही सिर्फ कर दिखाने के लिए पुरोहित करता है। जिसके कारण व्यक्ति सारी कठिनाइयों से ऊपर उठ कर असंभव कार्य को भी आसानी से संभव कर लेता है। आज के समय मे भी ऐसे बहुत से ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने अपने जुनून के बदौलत बहुत सी असंभव चीज़ों को संभव बनाया है जैसे की बॉलीवुड के बादशाह बोले जाने वाले मशहूर अभिनेता शाहरुख खान जिनके जुुनूं ने एक साधारण व्यक्ति को दुनिया का मशहूर अभिनेता बना दीया। जुनून इंसान से क्या कुछ करा सकता हे यह इन्सान खुद नही जानता। क्योंकि वो कहते हैं ना की जो मज़ा किसी भी चीज़ को पाने के जुनून में है , वो मज़ा दुनिया में कहीं ओर नही।

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